“उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएं सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जहां इन्फ्लुएंसर्स लाखों फॉलोअर्स तक पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ जैसे अभियानों को इन्फ्लुएंसर्स बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन क्या ये प्रचार वास्तविक बदलाव ला रहा है, या सिर्फ डिजिटल शोर है?”
उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया का जोर: इन्फ्लुएंसर्स कैसे बदल रहे हैं योजनाओं की तस्वीर
उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इसके केंद्र में हैं इन्फ्लुएंसर्स, जो सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हाल के महीनों में, यूपी सरकार ने अपनी योजनाओं को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है, जिसमें इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका सबसे आगे रही है।
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जैसे आधिकारिक हैंडल्स ने ट्विटर (अब X) पर सक्रियता दिखाई है, जहां वे योजनाओं के लाभार्थियों की कहानियां और उपलब्धियों को साझा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, 31 अगस्त 2025 को
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ने एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन जातियों को सुविधाएं दी हैं, जिन्हें पहले कभी नहीं पूछा गया। इस पोस्ट में सपेरा समुदाय के भोला ने सरकार की योजनाओं की तारीफ की, जिसमें घर-घर टंकियां और बेहतर सड़कों का जिक्र था।
इन्फ्लुएंसर्स न केवल सरकारी योजनाओं को प्रमोट कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
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ने 22 अगस्त 2025 को एक पोस्ट में बताया कि विधानमंडल के मानसून सत्र में ‘विकसित भारत के विकसित उत्तर प्रदेश’ के रोडमैप पर 24 घंटे चर्चा हुई। इस तरह के अभियानों को इन्फ्लुएंसर्स द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिससे लाखों लोगों तक यह संदेश पहुंच रहा है।
हालांकि, इस रणनीति के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं। कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि कांग्रेस ने इन्फ्लुएंसर्स को ‘वोट चोरी’ जैसे प्रचार के लिए भुगतान किया, जो बाद में गलत साबित हुआ।
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@desimojito
जैसे हैंडल्स ने 20 अगस्त 2025 को पोस्ट किया कि कई इन्फ्लुएंसर्स ने अपने वीडियो डिलीट किए और माना कि उनके दावे झूठे थे। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सभी इन्फ्लुएंसर प्रचार विश्वसनीय हैं?
यूपी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति, जिसे
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ने 20 अगस्त 2025 को हाइलाइट किया, ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है। इन्फ्लुएंसर्स इस नीति को ‘डिजिटल सुरक्षा कवच’ के रूप में पेश कर रहे हैं, जिससे अपराध-मुक्त और भय-रहित माहौल का दावा किया जा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन्फ्लुएंसर्स के प्रचार का असर तभी टिकाऊ होगा, जब यह जमीन पर वास्तविक बदलाव लाए।
फिटनेस और हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स भी यूपी में सक्रिय हैं, जो सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, योग और आयुर्वेद को प्रमोट करने वाले इन्फ्लुएंसर्स ने स्थानीय संस्कृति को आधुनिक फिटनेस के साथ जोड़ा है। यह न केवल स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि सरकार की योजनाओं को भी युवाओं तक पहुंचा रहा है।
हालांकि, इन्फ्लुएंसर्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भुगतान किए गए प्रचार से पारदर्शिता की कमी हो सकती है।
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ने 24 अगस्त 2025 को एक पोस्ट में कहा कि कुछ इन्फ्लुएंसर्स ने गलत सूचनाएं फैलाईं, जिसका नुकसान पहले ही हो चुका है। इसके बावजूद, यूपी सरकार का सोशल मीडिया रणनीति पर जोर स्पष्ट है।
आंकड़ों के अनुसार, यूपी सरकार के आधिकारिक हैंडल्स के फॉलोअर्स की संख्या में 2025 में तेजी से वृद्धि हुई है।
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के X पर 2 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो दर्शाता है कि उनकी पहुंच व्यापक है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह डिजिटल शोर वास्तव में लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है, या सिर्फ सोशल मीडिया की चमक है?
Disclaimer: यह लेख X पर उपलब्ध पोस्ट्स और वेब स्रोतों पर आधारित है। जानकारी की सटीकता की पुष्टि के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।