“2025 में भारत सरकार और राज्य सरकारें किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर 40% से 80% तक सब्सिडी दे रही हैं। ट्रैक्टर, ड्रोन, रोटावेटर जैसे उपकरण सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं, जिससे खेती आसान और लाभकारी होगी। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में योजनाएं शुरू, आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक।”
किसानों के लिए खुशखबरी: 2025 में कृषि यंत्रों पर भारी छूट
भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें 2025 में किसानों की आय बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने के लिए कृषि यंत्र सब्सिडी योजनाओं को तेजी से लागू कर रही हैं। इन योजनाओं के तहत ट्रैक्टर, रोटावेटर, सुपर सीडर, कृषि ड्रोन, पावर टिलर जैसे आधुनिक उपकरणों पर 40% से 80% तक सब्सिडी दी जा रही है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ये योजनाएं विशेष रूप से सक्रिय हैं।
कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM) के तहत केंद्र सरकार छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दे रही है। इस योजना में 50% से 80% सब्सिडी का प्रावधान है, जिससे किसान कम लागत में आधुनिक यंत्र खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, मध्यप्रदेश में पावर टिलर, सीड ड्रिल, और रीपर जैसे उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है, जिससे बुवाई, जुताई, और कटाई जैसे कार्य तेज और आसान हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों के लिए विशेष योजना शुरू की है। यहां सुपर सीडर, किसान ड्रोन, और पावर चाफ कटर जैसे उपकरणों पर 80% तक सब्सिडी मिल रही है। योजना के तहत 10,001 रुपये से 1 लाख रुपये तक के यंत्रों के लिए 2,500 रुपये और 1 लाख से अधिक के लिए 5,000 रुपये जमानत राशि जमा करनी होगी। यह राशि चयन न होने पर वापस कर दी जाती है। आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, और किसान ऑनलाइन पोर्टल http://agriculture.up.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
बिहार में कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत 2025 में 250 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी का प्रस्ताव है। यह राशि कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने और विभिन्न यंत्रों की खरीद के लिए दी जाएगी। बिहार सरकार ने इस साल 186 करोड़ रुपये का अनुदान पहले ही आवंटित किया है, जिससे हजारों किसानों को लाभ मिला है।
छत्तीसगढ़ में भी ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध है। किसान tractorgyan.com जैसे पोर्टल्स पर जाकर सब्सिडी की पूरी जानकारी और आवेदन प्रक्रिया देख सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति, और महिला किसानों को 50% सब्सिडी और अन्य किसानों को 40% सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां किराए पर उपकरण लेने की सुविधा है।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, और रेनगन जैसे सिंचाई उपकरणों पर 65% से 90% तक सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभकारी है, जो महंगे उपकरणों की खरीद में असमर्थ हैं। सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025, जो 29 मई से शुरू हो रहा है, किसानों को आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित है। इस अभियान में 2170 वैज्ञानिक टीमें 65,000 गांवों में 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचेंगी। यह अभियान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि मंत्रालय के सहयोग से चलाया जा रहा है।
इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल खेती की लागत कम करना है, बल्कि उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाना भी है। उदाहरण के लिए, सुपर सीडर जैसे यंत्र पराली जलाने की आवश्यकता को खत्म करते हैं, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होता है। ड्रोन का उपयोग दवाओं के छिड़काव में सटीकता लाता है, और रोटावेटर खेत की तैयारी को तेज करता है।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर पात्रता, दस्तावेज, और आवेदन की अंतिम तिथि की जानकारी प्राप्त करें। मध्यप्रदेश में आवेदन के लिए mpkrishi.mp.gov.in, उत्तर प्रदेश में agriculture.up.gov.in, और अन्य राज्यों के लिए समान पोर्टल उपलब्ध हैं। समय पर आवेदन करने से किसान इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न वेब स्रोतों और X पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। ताजा अपडेट और आवेदन प्रक्रिया के लिए संबंधित राज्य के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें।