“केंद्र सरकार की नई सोलर रूफटॉप योजना 2025 में हर भारतीय घर को सौर ऊर्जा से रोशन करने का लक्ष्य रखती है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिसमें 78,000 रुपये तक की सब्सिडी और 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण और बिजली बिल बचत का यह सुनहरा मौका है।”
2025 में सोलर रूफटॉप योजना से बदल रहा है भारत
केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2024 को शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को 2025 में और प्रभावी बनाया है। इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ घरों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित करना है, जिससे न केवल बिजली बिल शून्य हो बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 10 मार्च 2025 तक देशभर में 10.09 लाख सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन पूरे हो चुके हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू सौर ऊर्जा पहल बनाता है।
सब्सिडी और आर्थिक लाभ
इस योजना के तहत 3 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम के लिए 78,000 रुपये और 5 किलोवाट तक के लिए केंद्र व राज्य सरकारों से कुल 1.08 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। उदाहरण के लिए, महासमुंद के निवासी अजय कुमार श्रीवास ने 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया, जिससे उनका मासिक बिजली बिल शून्य हो गया। पहले वे 2,000-2,500 रुपये मासिक बिल भरते थे। इसके अलावा, अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर परिवार सालाना 15,000-18,000 रुपये की बचत कर सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
सोलर पैनल लगवाने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इच्छुक व्यक्ति pmsuryaghar.gov.in पर जाकर “Apply for Rooftop Solar” विकल्प चुन सकते हैं। आवेदन के लिए राज्य, बिजली वितरण कंपनी (DISCOM), और व्यक्तिगत जानकारी जैसे मोबाइल नंबर और बिजली बिल की डिटेल्स देनी होंगी। न्यूनतम 500 रुपये जमा करके इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में स्थानीय बिजली वितरण कंपनियों ने आवेदन प्रक्रिया को और सरल किया है।
पर्यावरण और आर्थिक प्रभाव
यह योजना न केवल बिजली बिल कम करती है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद करती है। सोलर पैनल की 25 साल की अनुमानित जीवन अवधि में पर्यावरण को बड़ा लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, दुर्ग की रीता बनाफर ने अपने घर पर सोलर पैनल लगवाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया और बिजली बिल में भी बचत की। साथ ही, सोलर पैनल वाले घरों की बाजार में मांग बढ़ने से संपत्ति का मूल्य भी बढ़ता है।
राज्यों में प्रगति
मध्यप्रदेश में सभी 55 जिलों में सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने की योजना है, जिसका लक्ष्य 3,500 मेगावाट बिजली उत्पादन है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में लोग इस योजना का व्यापक लाभ उठा रहे हैं, जहां 3-6 किलोवाट के सोलर पैनल लगाकर बिजली बिल शून्य हो रहे हैं। सूरत में देश का पहला सौर ऊर्जा चालित स्मार्ट बस स्टेशन भी बनाया गया है, जो 100 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट संचालित करता है।
एसबीआई की भूमिका
State Bank of India (SBI) ने भी इस योजना को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है। वित्त वर्ष 2026-27 तक 40 लाख घरों में सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारत के नेट जीरो 2070 लक्ष्य को बल मिलेगा। यह योजना विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए लाभकारी है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में चुनौतियाँ भी हैं। बिहार के बछवाड़ा में सोलर स्ट्रीट लाइट्स की खराबी की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके लिए गुणवत्ता नियंत्रण पर ध्यान देने की जरूरत है। सरकार ने इस दिशा में सुधार के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
Disclaimer: यह लेख समाचार, रिपोर्ट्स, और विश्वसनीय स्रोतों जैसे pmsuryaghar.gov.in, cgsandesh.com, और jantaserishta.com पर आधारित है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स की जांच करें।