2025 में माई भागो विद्या योजना में बड़े बदलाव की घोषणा। नई पात्रता, बढ़ा हुआ वित्तीय सहायता और डिजिटल आवेदन प्रक्रिया से बिहार की महिलाओं को सशक्तिकरण का नया मौका। योजना अब अधिक महिलाओं को शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करेगी। जानें पात्रता, आवेदन और लाभ।
महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में माई भागो विद्या योजना में बदलाव
बिहार सरकार ने 2025 में महिलाओं के लिए शुरू की गई माई भागो विद्या योजना में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना, जो बिहार में महिलाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी, अब और अधिक समावेशी और सुलभ बनाई गई है।
नई पात्रता मापदंड
योजना के तहत अब पात्रता मापदंडों को और लचीला किया गया है। पहले केवल 18-35 वर्ष की महिलाएं ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकती थीं, लेकिन अब आयु सीमा को बढ़ाकर 40 वर्ष कर दिया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। यह बदलाव उन महिलाओं को लाभ पहुंचाएगा जो पहले पात्रता के दायरे से बाहर थीं।
बढ़ी हुई वित्तीय सहायता
2025 के बदलावों में वित्तीय सहायता में भी वृद्धि की गई है। पहले योजना के तहत प्रति माह 1,500 रुपये की सहायता दी जाती थी, जो अब बढ़कर 2,500 रुपये प्रति माह हो गई है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज के लिए विशेष छात्रवृत्ति की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये वार्षिक कर दिया गया है।
डिजिटल आवेदन प्रक्रिया
योजना को और पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए अब आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल कर दी गई है। महिलाएं अब maibhagovvidya.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, और शैक्षिक योग्यता के दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके साथ ही, एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए महिलाएं अपनी आवेदन स्थिति ट्रैक कर सकती हैं।
कौशल विकास पर जोर
नए बदलावों में कौशल विकास को विशेष महत्व दिया गया है। योजना के तहत अब IT, सिलाई, ब्यूटीशियन, और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इन कोर्सेज को पूरा करने वाली महिलाओं को प्रमाणपत्र के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। बिहार के सभी जिलों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा कोर्स संचालित होंगे।
महिलाओं के लिए सामाजिक प्रभाव
ये बदलाव बिहार की महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि सामाजिक निर्णय लेने में भी उनकी भागीदारी बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार ने पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर शुरू किए हैं।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, योजना के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और डिजिटल साक्षरता की कमी आवेदन प्रक्रिया में बाधा बन सकती है। इसके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर (1800-XXX-XXXX) और स्थानीय पंचायत कार्यालयों में सहायता केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा, योजना के लाभ को और अधिक महिलाओं तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान को तेज किया गया है।
आगे की राह
माई भागो विद्या योजना में ये बदलाव बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन बदलावों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह योजना न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकती है।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी और उपलब्ध डेटा के आधार पर लिखा गया है। योजना की पात्रता और लाभ के लिए कृपया आधिकारिक वेबसाइट maibhagovvidya.bihar.gov.in पर जाएं या संबंधित सरकारी कार्यालय से संपर्क करें।