“पंजाब सरकार की सुथरा पंजाब योजना 2025 में नई पहल के साथ स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है। सभी 23 जिलों में सफाई अभियान तेज, नए संसाधनों का आवंटन और जन जागरूकता पर जोर। आशीर्वाद योजना के तहत बेटियों की शादी के लिए 360 करोड़ रुपये का प्रावधान। जानें कैसे बदल रहा है पंजाब का स्वच्छता परिदृश्य!”
सुथरा पंजाब: 2025 में स्वच्छता की नई लहर
पंजाब सरकार ने स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सुथरा पंजाब योजना को 2025 में नए सिरे से शुरू किया है। इस योजना के तहत सभी 23 जिलों में सफाई अभियान को तेज किया गया है, जिसमें स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संगठनों और नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल के अपडेट्स के अनुसार, रावलपिंडी जैसे शहरों में ‘सुथरा पंजाब प्रोग्राम’ के तहत सफाई कार्यों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जो पहले और बाद के परिदृश्य को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री मरियम नवाज शریف के नेतृत्व में, इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए नए संसाधनों का आवंटन किया गया है। इसमें आधुनिक कचरा प्रबंधन उपकरण, वेस्ट रीसाइक्लिंग यूनिट्स और स्वच्छता कर्मियों की संख्या में वृद्धि शामिल है। 2025-26 के बजट में स्वच्छता के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग रणनीतियाँ लागू की जा रही हैं। उदाहरण के लिए, बठिंडा, कपूरथला और गुरदासपुर जैसे जिलों में स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
सुथरा पंजाब योजना का एक प्रमुख हिस्सा जन जागरूकता है। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में स्वच्छता के महत्व पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नाटकों, संगीत और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए लोगों को ‘ना गंदगी करेंगे, ना करने देंगे’ का मंत्र दिया जा रहा है। यह विचार स्वच्छ भारत मिशन से प्रेरित है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में शुरू किया था।
इसके अलावा, पंजाब सरकार ने स्वच्छता के साथ सामाजिक कल्याण को भी जोड़ा है। 2025-26 के बजट में आशीर्वाद योजना के तहत बेटियों की शादी के लिए 360 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी। यह कदम स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में कचरा निस्तारण के लिए नए डंपिंग यार्ड और रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वच्छता केंद्रों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुथरा पंजाब योजना न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी सामने हैं। स्थानीय स्तर पर संसाधनों का समुचित उपयोग और नागरिकों की निरंतर भागीदारी सुनिश्चित करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार ने स्थानीय प्रशासन को नियमित मॉनिटरिंग और फीडबैक सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है।
Disclaimer: यह लेख समाचार, सरकारी घोषणाओं और सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। ताजा अपडेट्स के लिए आधिकारिक सरकारी पोर्टल्स और विश्वसनीय स्रोतों की जांच करें।