“पंजाब सरकार की बिजनेस ब्लास्टर योजना अब पूरे राज्य में विस्तार कर रही है, जिससे सरकारी स्कूलों के छात्र उद्यमी बनने की राह पर हैं। 1.38 लाख से अधिक छात्रों ने इस कार्यक्रम में पंजीकरण कराया है, जो नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रहा है। यह योजना पंजाब को स्टार्टअप हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
पंजाब में बिजनेस ब्लास्टर योजना: युवाओं को उद्यमी बनाने की नई पहल
पंजाब में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और युवाओं को नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाला बनाने की दिशा में पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ‘बिजनेस ब्लास्टर यंग एंटरप्रेन्योर’ योजना, जिसे नवंबर 2022 में शुरू किया गया था, अब पूरे राज्य में विस्तार कर रही है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के छात्रों में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि इस कार्यक्रम ने सरकारी स्कूलों के 1.38 लाख से अधिक छात्रों को आकर्षित किया है। शुरुआत में यह योजना 9 जिलों—अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, संगरूर, होशियारपुर, फिरोजपुर, रोपड़ और साहिबजादा अजीत सिंह नगर—के 31 स्कूलों में 11वीं कक्षा के 11,041 छात्रों के साथ शुरू की गई थी। अब इसे अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में लागू करने की योजना है।
इस योजना के तहत, छात्रों से उनके बिजनेस आइडिया मांगे जाते हैं, जिन्हें स्थापित उद्योगपतियों के साथ साझा किया जाता है। उपयुक्त आइडियाज के लिए 8 छात्रों का एक समूह बनाया जाता है, और प्रत्येक छात्र को 2,000 रुपये की सीड फंडिंग दी जाती है। यह राशि उनके बिजनेस आइडिया को जमीन पर उतारने में मदद करती है। यह न केवल छात्रों में आत्मविश्वास जगाता है, बल्कि उन्हें व्यावसायिक जोखिमों और प्रबंधन का अनुभव भी देता है।
पंजाब सरकार का यह कदम दिल्ली सरकार के बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम से प्रेरित है, जिसे 2021 में शुरू किया गया था। दिल्ली में इस कार्यक्रम के तहत 11वीं और 12वीं के छात्रों ने कई नवीन स्टार्टअप शुरू किए, जिन्हें निवेशकों से करोड़ों रुपये के ऑफर मिले। पंजाब ने इस मॉडल को अपनाकर अपने शिक्षा मॉडल को न केवल मजबूत किया है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में भी काम शुरू किया है।
इस योजना का प्रभाव पंजाब के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 2025 तक 1.5 लाख से अधिक हो सकती है, और पंजाब जैसे राज्यों में सरकारी पहल इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विशेष रूप से, जैव प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार ने कई नीतिगत सुधार किए हैं, जैसे कि फास्ट-ट्रैक पंजाब पोर्टल, जो 45 कार्यदिवसों के भीतर औद्योगिक मंजूरी प्रदान करता है।
योजना के तहत छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए कुछ बिजनेस आइडिय<|reserved_28|> में पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने वाले स्टार्टअप, और डिजिटल मार्केटिंग से जुड़े नवाचार शामिल हैं। इन आइडियाज को न केवल स्थानीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान भी आकर्षित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक समूह ने जैविक खेती से जुड़ा एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसे स्थानीय किसानों के साथ जोड़कर बाजार में लॉन्च किया गया।
पंजाब सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से न केवल आर्थिक विकास को गति देना है, बल्कि युवाओं में उद्यमिता की मानसिकता को स्थापित करना भी है। शिक्षा मंत्री बैंस ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे नौकरी की तलाश में न भटकें, बल्कि अपने आइडियाज से दुनिया को बदलें।” इस दिशा में सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी कवर को ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹27 करोड़ करने का भी ऐलान किया है, जो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 20% कम शुल्क के साथ उपलब्ध होगा।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और संसाधनों तक सीमित पहुंच इस योजना की सफलता को प्रभावित कर सकती है। इसके बावजूद, सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इन समस्याओं को हल करने की योजना बनाई है।
पंजाब में स्टार्टअप बूम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक है। यह योजना युवाओं को सशक्त बनाने और पंजाब को भारत के स्टार्टअप मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी घोषणाओं, और उद्योग विशेषज्ञों के विश्लेषण पर आधारित है। जानकारी की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग किया गया है, लेकिन पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक सरकारी पोर्टल्स की जांच करें।