पंजाब में स्वच्छ पानी की गारंटी: 2025 में नल से जल योजना का नया दौर!

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“पंजाब सरकार ने 2025 में हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए नल से जल योजना का विस्तार शुरू किया। मुख्यमंत्री साफ पानी प्रोग्राम के तहत 15 अरब रुपये का बजट आवंटित किया गया है। दक्षिणी पंजाब और पठोहार क्षेत्र से शुरुआत होगी। जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए 14 सूत्री योजना भी मंजूर की गई।”

पंजाब में हर घर को स्वच्छ पानी: नल से जल योजना का विस्तार

पंजाब में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। 2025 में मुख्यमंत्री साफ पानी प्रोग्राम के तहत नल से जल योजना का विस्तार शुरू हो चुका है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और शह(city)री क्षेत्रों में हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना है। दक्षिणी पंजाब और पठोहार क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है, जहां पानी की कमी एक गंभीर समस्या रही है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हाल ही में घोषणा की कि इस प्रोग्राम के लिए 15 अरब रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह राशि न केवल नए जल कनेक्शन स्थापित करने में मदद करेगी, बल्कि पुराने जल ढांचे को भी आधुनिक बनाएगी। सरकार ने 30-40 वर्षों से बंद पड़े 63 हजार किलोमीटर राजवाहों और 545 किलोमीटर लंबी 79 नहरों को पुनर्जनन करने का काम पहले ही पूरा कर लिया है।

इसके अलावा, जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए एकीकृत प्रांतीय जल योजना के तहत 14 सूत्री कार्य योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी जल-बचत तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे लगभग 15.79 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पानी का समझदारीपूर्ण उपयोग हो सके। यह कदम न केवल पेयजल की उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी पानी की बर्बादी को कम करेगा।

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योजना के तहत, नहरों से अतिरिक्त पानी को तालाबों में वितरित किया जाएगा, जिसे लिफ्ट सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए नए चेक डैम और तालाबों का निर्माण भी किया जा रहा है। यह स्व-टिकाऊ जल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पंजाब सरकार ने जल उपयोगकर्ता समितियों (Water User Associations) के गठन पर भी जोर दिया है। ये समितियां किसानों की भागीदारी के माध्यम से नहरों की सफाई, पानी की बर्बादी रोकने और जलमार्गों के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। साथ ही, उद्योगों को नहरी पानी की आपूर्ति शुरू की जाएगी, जिससे भूजल पर दबाव कम होगा।

जल जीवन मिशन के तहत पंजाब में पहले से ही कई गांवों में नल कनेक्शन स्थापित किए गए हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी काम बाकी है। ग्रामीणों की शिकायतों के समाधान के लिए सरकार ने ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत किया है। पंचायती राज विभाग द्वारा लॉन्च “सात निश्चय योजना शिकायत निवारण” ऐप के जरिए लोग अपनी समस्याएं दर्ज कर सकते हैं। यदि 10 दिनों में शिकायत का समाधान नहीं होता, तो यह स्वतः उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाती है।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए, किशनगंज जैसे क्षेत्रों में नल जल योजना का काम आधा-अधूरा है। कई जगहों पर पाइपलाइन बिछाने और नल लगाने का काम बाकी है, जबकि कुछ स्थानों पर लीकेज की समस्या के कारण पानी बर्बाद हो रहा है। सरकार ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं और जल्द ही इन क्षेत्रों में भी योजना को पूरी तरह लागू करने का दावा किया है।

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पंजाब सरकार का यह प्रयास न केवल स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को पानी लाने की परेशानी से भी मुक्ति दिलाएगा। साथ ही, यह योजना जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Disclaimer: यह लेख वेब और X पर उपलब्ध नवीनतम जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्यों की सटीकता के लिए प्रासंगिक स्रोतों का उपयोग किया गया है। पाठकों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक वेबसाइटों और सरकारी घोषणाओं से जानकारी सत्यापित करें।

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