“केंद्र सरकार ने 2025 में ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की है, जिसका लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है। यह योजना पानी की बचत, फसल उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने पर केंद्रित है। 90% तक सब्सिडी और तकनीकी सहायता से छोटे किसानों को लाभ मिलेगा।”
2025 में ड्रिप इरिगेशन से किसानों की आय बढ़ाने की नई पहल
केंद्र सरकार ने 2025 में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एक नई ड्रिप इरिगेशन योजना शुरू की है, जो खेती में पानी के उपयोग को अनुकूलित करने और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत, सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम की खरीद पर 90% तक सब्सिडी प्रदान कर रही है, जो विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभकारी है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत, ड्रिप इरिगेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग अनुदान योजनाएं लागू की गई हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में लघु और सीमांत किसानों को 90% तक सब्सिडी और सामान्य किसानों को 80% तक अनुदान मिल रहा है। मध्य प्रदेश में भी ड्रिप सिस्टम पर 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह तकनीक पानी की बर्बादी को 50-70% तक कम करती है और प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 50% तक की वृद्धि करती है।
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से फसलों की जड़ों तक सीधे पानी पहुंचता है, जिससे नमी बनी रहती है और पानी की आवश्यकता कम होती है। यह तकनीक आम, केला, अनार, पपीता, गन्ना, और लत्तादार सब्जियों जैसी फसलों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इसके अलावा, ग्रीनहाउस खेती, पॉलीहाउस, और शेड नेट फार्मिंग में भी इसका उपयोग बढ़ रहा है। यह न केवल पानी बचाता है, बल्कि खाद और कीटनाशकों के उपयोग को भी कम करता है, जिससे लागत में कमी आती है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि परंपरागत सिंचाई विधियों में 85% तक पानी बर्बाद हो जाता है। ड्रिप इरिगेशन इस समस्या का समाधान प्रदान करता है, क्योंकि यह पौधों की जरूरत के अनुसार ही पानी और पोषक तत्व उपलब्ध कराता है। इससे लवणीय भूमि में भी बागवानी संभव हो पाती है, और फसलों में बीमारियों व कीटों पर प्रभावी नियंत्रण रहता है।
2025 के केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए नए मिशनों की घोषणा की है, जो किसानों को आधुनिक तकनीकों तक पहुंच प्रदान करेंगे। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, जिससे किसानों को ड्रिप सिस्टम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।
कृषि उपनिदेशक अतींद्र सिंह के अनुसार, ड्रिप इरिगेशन से किसानों को कम पानी में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अनुसूचित जाति, जनजाति, और महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि भारत को खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक कदम आगे ले जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों को अपनाने से 2027 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
Disclaimer: यह लेख सरकारी योजनाओं, समाचार रिपोर्टों, और कृषि विशेषज्ञों के बयानों पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित राज्य के कृषि विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें।