“केंद्र सरकार ने 2025 में किसानों के लिए मुफ्त बीज वितरण योजना की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य उत्पादकता और आय बढ़ाना है। इस योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले बीज मुफ्त में प्रदान किए जाएंगे। जानें पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभ।”
किसानों को सशक्त बनाने की नई पहल
केंद्र सरकार ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की, जिनमें मुफ्त बीज वितरण योजना प्रमुख है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराकर उनकी फसल उत्पादकता बढ़ाना और आय में सुधार करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इसे “राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन” का हिस्सा बताया, जिसके तहत जुलाई 2024 से 100 से अधिक उच्च उपज, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-सहिष्णु बीजों को किसानों के लिए उपलब्ध कराया गया है।
इस योजना के तहत, सरकार ने 2025-26 के लिए ₹100 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा। यह योजना विशेष रूप से उन 100 जिलों पर केंद्रित है, जहां फसल उत्पादकता कम है और कृषि ऋण का उपयोग औसत से कम है। इसके अलावा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों में पहले से ही मुफ्त बीज वितरण की सफल पहल चल रही हैं, जिन्हें अब राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार दिया जा रहा है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ छोटे और सीमांत किसानों, बीपीएल कार्ड धारकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और एकल महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा। आवेदन के लिए किसानों को स्थानीय कृषि विभाग, सहकारी समितियों, या ऑनलाइन पोर्टल जैसे www.pmkisan.gov.in और www.dbtuphorticulture.in पर पंजीकरण करना होगा। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, खसरा/खतौनी, बैंक पासबुक, और दो फोटो शामिल हैं। योजना मुख्य रूप से खरीफ और रबी फसलों के बुवाई मौसम में उपलब्ध होगी।
किन बीजों का होगा वितरण?
योजना के तहत सोयाबीन, मूंग, मक्का, सरसों, तिल, धान, मूंगफली, और अरहर जैसे प्रमाणित बीजों का वितरण किया जाएगा। कुछ राज्यों में बागवानी फसलों जैसे लौकी, टमाटर, शिमला मिर्च, और खरीफ प्याज के बीज भी मुफ्त उपलब्ध होंगे। सरकार का लक्ष्य स्थानीय मिट्टी और जलवायु के अनुकूल बीज प्रदान करना है, ताकि कम पानी और रासायनिक उपयोग के साथ अधिक उपज प्राप्त हो।
राज्यों में सफलता की कहानियां
राजस्थान में 2023-24 में 23 लाख किसानों को मिनी बीज किट वितरित किए गए, जिससे फसल उत्पादन में 15-20% की वृद्धि दर्ज की गई। चित्रकूट, उत्तर प्रदेश में औद्यानिक विकास योजना के तहत किसानों को मुफ्त बीज प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उनकी आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। झारखंड ने ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए बीज वितरण शुरू किया, जो गुणवत्ता और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
किसानों के लिए अन्य लाभ
इस योजना के साथ-साथ, सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है, जिससे किसानों को बीज, खाद, और उपकरण खरीदने में आसानी होगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन जैसी योजनाएं भी किसानों को आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करेंगी।
कैसे उठाएं लाभ?
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी कृषि विभाग या सहकारी समिति से संपर्क करें। ऑनलाइन आवेदन के लिए, आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें और दस्तावेज अपलोड करें। समय पर आवेदन सुनिश्चित करें, क्योंकि योजना सीमित समय के लिए उपलब्ध है।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों, सरकारी वेबसाइटों, और समाचार रिपोर्टों के आधार पर तैयार किया गया है। योजना की पात्रता और आवेदन प्रक्रिया में बदलाव संभव है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक पोर्टल या स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करें।