“दिल्ली सरकार की नई मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना 18-60 वर्ष की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1000 की वित्तीय सहायता देगी। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। योजना के लिए जल्द शुरू होगा ऑनलाइन पंजीकरण। सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही महिलाएं इसके लिए अयोग्य होंगी।”
दिल्ली में महिलाओं के लिए नई आर्थिक सहायता योजना
दिल्ली सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक नई पहल, मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना, शुरू की है। इस योजना के तहत, 18 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर को बेहतर करना है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने घोषणा की है कि इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो आयकर दाता नहीं हैं और न ही किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ उठा रही हैं। सरकारी नौकरी करने वाली महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी।
योजना की पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। पात्रता मानदंडों में शामिल हैं:
आयु सीमा: आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
आय: केवल वे महिलाएं पात्र होंगी जो इनकम टैक्स नहीं भरतीं।
अन्य योजनाएं: पहले से किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रही महिलाएं इस योजना के लिए अयोग्य होंगी।
दस्तावेज: आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और जन्म प्रमाण पत्र या आयु का प्रमाण देने वाला कोई अन्य दस्तावेज आवश्यक होगा।
दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की घोषणा की है। महिलाएं सरकारी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकेंगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में कब से जमा होगी। मुख्यमंत्री आतिशी ने संकेत दिया है कि मार्च 2025 से पहले पात्र महिलाओं को पहली या दूसरी किस्त मिल सकती है, बशर्ते दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद समय-सीमा तय हो जाए।
महिलाओं के लिए अन्य सरकारी पहल
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के अलावा, भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सुकन्या समृद्धि योजना 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए बचत को प्रोत्साहित करती है। महिला ई-हाट योजना महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद ऑनलाइन बेचने के लिए एक डिजिटल म प्लेटफॉर्म प्रदान करती है, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ती है।
महाराष्ट्र सरकार की माझी लड़की बहिन योजना भी इसी तरह की एक पहल है, जिसमें 21-65 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा, और निराश्रित महिलाओं को ₹1500 मास
िक वजीफा दिया जाता है। यह योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
आर्थिक सशक्तिकरण का महत्व
महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देता है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि महिलाएं श्रम बल में अधिक योगदान दें, तो भारत की विकास दर दहाई अंकों में हो सकती है। फिर भी, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (2011-12) के अनुसार, भारत में महिला श्रम सहभागिता दर केवल 25.51% थी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 24.8% और शहरी क्षेत्रों में 14.7% थी। ऐसी योजनाएं इस अंतर को कम करने में मदद करती हैं।
चुनौतियां और भविष्य की राह
हालांकि, इन योजनाओं के बावजूद, महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव, यौन उत्पीड़न, और सामाजिक रूढ़ियों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून बनाए हैं, जिसके तहत महिलाओं को जांच लंबित रहने तक 90 दिन का सवैतनिक अवकाश मिलता है। फिर भी, सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना जैसे कदम महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और स्वतंत्रता के साथ अपने सपनों को पूरा करने का अवसर भी देते हैं। यह योजना दिल्ली की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो सकती है।
Disclaimer: यह लेख समाचार, सरकारी घोषणाओं, और उपलब्ध वेब स्रोतों पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल्स की जांच करें।