पंजाब में डिजिटल गवर्नेंस: ई-खिदमत मार्कज का नया चरण शुरू!

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“पंजाब सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ई-खिदमत मार्कज के विस्तार की घोषणा की है। 2025 में शुरू होने वाले इस नए चरण में नागरिकों को 200 से अधिक सेवाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी, जिससे समय और लागत की बचत होगी। यह पहल पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ावा देगी।”

पंजाब में डिजिटल क्रांति: ई-खिदमत मार्कज का नया दौर

पंजाब सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए ई-खिदमत मार्कज के विस्तार की योजना को मंजूरी दी है, जो 2025 के मध्य से लागू होगी। इस नए चरण में राज्य के सभी जिलों में 50 नए ई-खिदमत केंद्र खोले जाएंगे, जिससे नागरिकों को एक ही स्थान पर सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। इन केंद्रों के माध्यम से 200 से अधिक सेवाएं, जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, संपत्ति पंजीकरण, बिजली बिल भुगतान, और लाइसेंस नवीकरण, डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में इस पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के साथ संरेखित है और इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से सरकारी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। नए केंद्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट, प्रशिक्षित कर्मचारी, और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस होंगे, जो विशेष रूप से कम डिजिटल साक्षरता वाले नागरिकों के लिए मददगार होंगे।

ई-खिदमत मार्कज की मौजूदा प्रणाली ने पहले ही राज्य में 150 से अधिक केंद्रों के माध्यम से लाखों नागरिकों को सेवाएं प्रदान की हैं। 2024 तक, इन केंद्रों ने 1.5 करोड़ से अधिक लेनदेन पूरे किए, जिसमें आधार कार्ड अपडेट, पासपोर्ट आवेदन, और टैक्स भुगतान जैसी सेवाएं शामिल हैं। नए चरण में, सरकार का लक्ष्य इन केंद्रों को और अधिक सुलभ बनाने के लिए मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को अपग्रेड करना है।

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इसके अलावा, पंजाब सरकार ने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये कार्यक्रम स्थानीय युवाओं और महिलाओं को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाने पर केंद्रित हैं, ताकि वे ई-खिदमत केंद्रों का बेहतर उपयोग कर सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल समय और धन की बचत करेगी, बल्कि भ्रष्टाचार को कम करने में भी मदद करेगी, क्योंकि डिजिटल प्रक्रियाएं पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य हैं।

हालांकि, कुछ चुनौतियां भी सामने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी और तकनीकी जागरूकता का अभाव इस योजना की सफलता में बाधा बन सकता है। सरकार ने इन मुद्दों को हल करने के लिए भारत नेट परियोजना के तहत हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क का विस्तार करने का वादा किया है। साथ ही, प्रत्येक ई-खिदमत केंद्र में हेल्पलाइन और ऑन-साइट सहायता उपलब्ध होगी।

यह नया चरण पंजाब के डिजिटल परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों को सशक्त बनाने और प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में काम करेगा।

Disclaimer: यह लेख पंजाब सरकार के आधिकारिक बयानों, डिजिटल इंडिया मिशन की रिपोर्ट्स, और हाल के समाचार स्रोतों पर आधारित है। जानकारी की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग किया गया है।

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