पंजाब में शिक्षा को नई उड़ान: 2025 में स्मार्ट क्लासरूम की क्रांति!

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“पंजाब सरकार ने 2025 में सरकारी स्कूलों में शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्ट को तेजी दी है। 2,261+ स्मार्ट क्लासरूम, 17,000+ स्कूलों में वाई-फाई, और 350 करोड़ की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर योजना से शिक्षा में क्रांति की शुरुआत हो रही है। यह कदम छात्रों को तकनीकी शिक्षा और बेहतर भविष्य प्रदान करेगा।”

पंजाब के स्कूलों में डिजिटल क्रांति: स्मार्ट क्लासरूम का नया दौर

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी स्कूलों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्ट को गति दी है। 2025 में, राज्य सरकार ने 350 करोड़ रुपये की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर, डिजिटल बोर्ड, और स्मार्ट क्लासरूम की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल 2015 के बाद पहली बार है जब स्कूलों में कंप्यूटर खरीद पर रोक हटाई गई है।

पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी शिक्षा सोसाइटी (PICTES) के तहत शुरू हुई इस योजना की शुरुआत 2005 में हुई थी, लेकिन अब इसे नए सिरे से लागू किया जा रहा है। 2,261 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, और 17,000 से अधिक स्कूलों में वाई-फाई सुविधा प्रदान की गई है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह कदम सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के मुकाबले तकनीकी रूप से बेहतर बनाने में मदद करेगा।

इसके अलावा, 118 स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के रूप में विकसित किया गया है, जहां आधुनिक लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, और प्रशिक्षित शिक्षकों की सुविधा उपलब्ध है। बठिंडा में 73 कमरों वाली पांच मंजिला स्कूल इमारत इसका एक उदाहरण है, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, साइंस लैब, और चार कंप्यूटर लैब शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत 11 करोड़ रुपये रही।

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पंजाब सरकार ने शिक्षकों की तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं। 300 से अधिक शिक्षकों को सिंगापुर, फिनलैंड, और IIM अहमदाबाद में प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्कूल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में केंद्रित है। इसके साथ ही, स्कूलों में सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 4 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है, जिसमें पैनिक अलार्म और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों वाले डिस्प्ले बोर्ड शामिल हैं।

स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC) के गठन ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फरवरी 2025 में, 19,110 सरकारी स्कूलों में SMC की बैठकें आयोजित की गईं, जिससे अभिभावकों, शिक्षकों, और समुदाय के बीच सहयोग बढ़ा है। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि स्कूलों में सकारात्मक माहौल भी बनाएगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रोजेक्ट को ‘पंजाब शिक्षा क्रांति’ का हिस्सा बताया है, जिसके तहत 10,000 से अधिक नए क्लासरूम, 8,000 से अधिक बाउंड्री वॉल, और 10,000 शौचालयों का निर्माण या मरम्मत की गई है। यह प्रयास न केवल तकनीकी उन्नति की दिशा में है, बल्कि छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने का भी एक मजबूत कदम है।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सोशल मीडिया पोस्ट, और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।

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