यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी: 2025 में आप कैसे बचत कर सकते हैं?

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“उत्तर प्रदेश सरकार 2025 में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक सब्सिडी दे रही है। FAME III और EMPS योजनाओं के तहत दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर छूट उपलब्ध है। इसके अलावा, रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट से ईवी खरीदना और किफायती हो गया है। जानें यूपी में ये योजनाएं कैसे आपके लिए फायदेमंद हैं।”

उत्तर प्रदेश में इको-फ्रेंडली भविष्य: इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी की पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2025 में कई प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं, जो पर्यावरण संरक्षण और किफायती परिवहन को बढ़ावा दे रही हैं। केंद्र सरकार की FAME III और EMPS 2024 योजनाओं के साथ-साथ यूपी सरकार की स्थानीय नीतियां ईवी खरीद को और आकर्षक बना रही हैं।

FAME III और EMPS 2024: क्या है खास?

केंद्र सरकार की FAME III योजना, जो EMPS 2024 के बाद शुरू होने की उम्मीद है, इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर सब्सिडी प्रदान करती है। EMPS 2024 के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर ₹10,000 तक, छोटे तिपहिया वाहनों पर ₹25,000 तक और बड़े तिपहिया वाहनों पर ₹50,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना 5,60,789 इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन देने का लक्ष्य रखती है, जिसमें 5,00,080 दोपहिया और 60,709 तिपहिया वाहन शामिल हैं। FAME III का फोकस स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है।

यूपी में विशेष प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत कई छूट की घोषणा की है। यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में 100% छूट दी जा रही है। यह छूट दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर लागू है। इसके अतिरिक्त, यूपी सरकार ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए EV Mitra Scheme 2025 को लागू किया है, जो निजी और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना पर सब्सिडी प्रदान करता है।

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कैसे मिलेगी सब्सिडी?

ईवी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, वाहन को FAME या EMPS योजनाओं के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित मॉडल होना चाहिए। डीलरशिप पर खरीद के समय सब्सिडी राशि को वाहन की कीमत से घटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत ₹1 लाख है और सब्सिडी ₹10,000 है, तो डीलर ₹90,000 की कीमत उद्धृत करेगा। खरीद के बाद, डीलर खरीद विवरण को OEM (Original Equipment Manufacturer) को भेजता है, जो इसे National Automotive Board (NAB) को अग्रेषित करता है। NAB द्वारा सत्यापन के बाद, सब्सिडी राशि OEM को हस्तांतरित की जाती है, जो इसे डीलर को क्रेडिट करता है।

यूपी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

यूपी सरकार ने 2025 तक शहरों में हर 3 किमी और हाईवे पर हर 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। EV Mitra Scheme 2025 के तहत, पेट्रोल पंप मालिकों, हाईवे भूस्वामियों और फ्लीट ऑपरेटरों को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। यह न केवल ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि व्यवसायों के लिए नई आय के अवसर भी पैदा करेगा।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी और टैक्स छूट से उपभोक्ताओं को प्रारंभिक लागत में कमी मिलती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में ₹14 लाख की कीमत वाले इलेक्ट्रिक कार पर FAME II और राज्य सब्सिडी के साथ ₹2.7 लाख तक की बचत हो सकती है। यूपी में भी समान बचत संभव है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक वाहनों की तुलना में कम रखरखाव और ईंधन लागत प्रदान करते हैं। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, ये वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं, जो भारत के 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है।

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कौन उठा सकता है लाभ?

FAME III और EMPS योजनाओं के तहत, केवल लिथियम-आयन या उन्नत बैटरी तकनीक वाले वाहन और कम से कम 50% स्थानीय रूप से निर्मित घटकों वाले वाहन ही सब्सिडी के लिए पात्र हैं। इसके लिए वैध पहचान पत्र, पता प्रमाण और कुछ मामलों में आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। आवेदक का नाम आईडी प्रूफ से मेल खाना चाहिए, और एक ही स्कूटर के लिए दोबारा सब्सिडी का दावा नहीं किया जा सकता।

भविष्य की योजनाएं

यूपी सरकार ने 2030 तक सार्वजनिक परिवहन और लास्ट-माइल डिलीवरी में 25% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए, राज्य में इलेक्ट्रिक बसों और फ्लीट वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, बैटरी रीसाइक्लिंग और स्वैपिंग हब्स की स्थापना पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करेगा।

Disclaimer: यह लेख समाचार, सरकारी नीतियों और विश्वसनीय स्रोतों जैसे Tata AIG, Reuters, और IBEFA पर आधारित है। सब्सिडी और योजनाओं की उपलब्धता बजट और नीति अपडेट पर निर्भर हो सकती है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी पोर्टल्स की जांच करें।

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