यूपी में 2025 की हरित क्रांति: 1 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड!

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

“उत्तर प्रदेश ने 2025 में ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ अभियान के तहत 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में नया कीर्तिमान स्थापित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, यह पहल ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ेगी और हरित आवरण बढ़ाएगी। जानें इस मिशन का प्रभाव और भविष्य की योजनाएं।”

उत्तर प्रदेश की हरित पहल: 1 करोड़ पौधों का रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश ने 2025 में अपने महत्वाकांक्षी ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान’ के तहत एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण में इतिहास रचा। इस साल, राज्य ने एक ही दिन में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया, जो भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान की शुरुआत लखनऊ में हरिशंकरी पौधों—पीपल, पाकड़ और बरगद—लगाकर की, जो हिंदू त्रिमूर्ति (विष्णु, ब्रह्मा, महेश) का प्रतीक हैं। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल से प्रेरित है, जिसमें लोगों को अपनी माँ के नाम पर पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इस साल की उपलब्धि पिछले वर्षों की तुलना में और भी प्रभावशाली है। 2024 में, उत्तर प्रदेश ने एक दिन में 36.51 करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 2025 में, हालांकि लक्ष्य को और केंद्रित किया गया, लेकिन 1 करोड़ पौधों की रोपाई ने गुणवत्ता और स्थिरता पर जोर दिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार विशेष ध्यान पौधों की प्रजातियों के चयन और उनकी दीर्घकालिक देखभाल पर रहा। औषधीय और सांस्कृतिक महत्व वाली प्रजातियों को प्राथमिकता दी गई, ताकि जैव विविधता को बढ़ावा मिले।

See also  यूपी की नई सस्टेनेबिलिटी नीतियां 2025: अब हरित भविष्य की ओर!

यह अभियान केवल पौधरोपण तक सीमित नहीं है। राज्य सरकार ने पौधों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें ड्रोन तकनीक का उपयोग करके रोपण क्षेत्रों की निगरानी और स्थानीय समुदायों को शामिल करना शामिल है। लखनऊ, प्रयागराज, और वाराणसी जैसे शहरों में शहरी वनों की स्थापना पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इन प्रयासों से न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि ग्लोबल वॉर्मिंग और हीटवेव जैसी समस्याओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पौधों को परिवार के सदस्य की तरह देखभाल करें। इस अभियान में सरकारी विभागों, एनजीओ, युवा समूहों और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। विशेष रूप से, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया, जिससे युवा पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी।

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश का यह प्रयास भारत के 2030 तक 33% वन आवरण के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके अलावा, यह पहल भारत के जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के तहत किए गए वादों को पूरा करने में भी मदद करेगी। 2005 से 2021 तक, भारत ने 2.29 बिलियन टन CO₂ समकक्ष कार्बन सिंक बनाया है, और उत्तर प्रदेश का योगदान इसमें उल्लेखनीय रहा है।

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पौधरोपण की सफलता केवल रोपण तक सीमित नहीं होनी चाहिए। पौधों की नियमित देखभाल, पानी की उपलब्धता, और स्थानीय जलवायु के अनुकूल प्रजातियों का चयन महत्वपूर्ण है। इसके लिए राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें मरुस्थलीकरण रोकने के लिए अरावली ग्रीन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।

See also  यूपी में जैविक खेती क्रांति: 2025 में सर्टिफिकेशन स्कीम से बदलाव!

उत्तर प्रदेश का यह हरित मिशन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक मूल्यों को पर्यावरणीय जिम्मेदारी से जोड़ने का एक अनूठा उदाहरण भी है। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी बयानों, और पर्यावरण विशेषज्ञों की टिप्पणियों पर आधारित है। डेटा की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी विभागों और प्रकाशनों की पुष्टि करें।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Leave a Comment